Kavita Jha

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हाथों की लकीरों की हेराफेरी...एक अनोखी प्रेम कहानी#लेखनी प्रतियोगिता -22-Dec-2021

हाथों की लकीरों की हेराफेरी....एक अनोखी प्रेम कहानी

रायसाहब रायसाहब... कैलाश घबराया हुआ हाथ में  दवाईयों का लिफाफा पकड़े रमल जी (जो कि अपने बिस्तर पर उदास बैठे एकटक अपनी पत्नी दया की तस्वीर हाथ में लिए ना जाने कहाँ खोऐ हैं) के सिराने के पास आकर खड़ा हो जाता है।
    सर पर हाथ फेरते हुए कैलाश उन्हें सान्त्वना देता हैं  रायसाहब भाभीजी जल्दी ही ठीक हो जाऐंगी।आप धीरज रखिये। आप ही इतना उदास रहेंगे, तो तीनों बच्चों को कैसे संभालेंगे।
    वहाँ हास्पिटल में भाभीजी के पास अभी कौन है। आप कहे तो मैं अपनी पत्नी के साथ आज वहीं रुक जाता हूँ। कितने दिनों से  लगता है आप सोऐ नहीं हैं। आज आपको घर पर आराम करना चाहिए।
  रमलजी सीधा बैठते हुऐ कैलास जी (जो कि उम्र में तो उनसे बहुत छोटे उनके बेटे की उम्र के हैं पर पक्के दोस्त हैं दोनों एक दूसरे को रायसाहब के नाम से ही बुलाते हैं ) को अपने पास बिस्तर पर बिठाते हैं। कैलाश उन्हें दवाई का लिफाफा पकडा़ते हुऐ कहता है लीजिए भाभीजी की जो दवाई किसी दुकान में नहीं मिल रही थी आज ही अपने बड़े भईया को बताया तो उन्होंने राजस्थान से मंगवा दिया है।
  अब कैसी है उनकी तबीयत। डाॅक्टर ने क्या कहा। आज तो आप किसी बड़े डाॅक्टर से मिलने वाले थे। क्या कहा उन्होंने।कोई डरने की बात तो नहीं है ना।
  अब रमल' जी जो बहुत देर से शांत बैठे थे  कैलाश के  गले लगकर खूब रोने लगे। उनके आँसुओं से कैलाश का कंधा भीग गया। बहुत मुश्किल से कैलाश ने उन्हें शांत कराया। पास में रखे जग में से पानी पिलाया।
   रमल' जी ने पूरे दिन का हाल कैलाश को सुनाया। आज राम मनोहर लोहिया हाॅस्पिटल में  ग्यानेलौजिस्ट डाॅक्टर स्नेह लता ने जब उनकी पत्नी के मैडीकल टैस्ट की रिपोर्ट देखी और कुछ नऐ जाँच करवाए तो बताया कि उनकी पत्नी के पेट का ट्यूमर कैंसर के लास्ट स्टेज में पहुँच गया है। अब यह आपरेशन करना बहुत मुश्किल है इसमें मरीज की जान को खतरा है। फिर आपकी पत्नी का ब्लड सूगर और  ब्लड प्रेशर दोनों बहुत ज्यादा बढा़ हुआ है। जब तक दोनों कंट्रोल नहीं होगा हमें इंतजार करना होगा। तब तक इन्हें हास्पिटल में ही रहने दीजिए।
   रायसाहब आप खुद को संभालिए। कैलाश कहता है..
आप हमेशा कहते हैं ना कि तेरी दी हुई राय मुझे जचती है, तो एक राय देना चाहते हैं मानियेगा।
   अभी जब मैं आ रहा था आपके घर तो एक बात मन में चल रही थी। आप कहे तो बताऊं...
    मैंने देखा हैं ....और आपने जो अपनी प्रेम कहानी बताई है कई बार मुझे कि आपकी और हमारी भाभीजी जो कि आपकी बड़ी भाभी की छोटी बहन है कैसे आज से पैंतीस साल आपने विवाह किया। वो भी जब आप दोनों के परिवार वाले इस शादी के  खिलाफ थे।
       प्यार में बहुत शक्ति होती है रायसाहब हमेशा आप ही कहते हैं ना। फिर आप का प्यार तो वाकई बहुत शक्तिशाली है। जीवन में कितनी परेशानियां आई पर आप दोनों के प्यार के आगे सब हार गई ना।
       मुझे पूरा यकीन है रायसाहब भाभीजी की यह बिमारी भी हार कर भाग ही जायेगी आपके प्यार को देखकर। बस अपने प्यार पर भरोसा रखिये।
      और हाँ आप तो पूजा पाठ में भी बहुत विश्वास रखते हैं। भगवान को अपनी विनती सुनाइये उनके शरण में जाइये।
      महामृत्युंजय जाप के बारे में एक बार आपके ही मुँह से  सुना था। बहुत असरदार होता है वो जाप आप कहते हैं ना।     रमल' जी जैसे गहरी नींद से उठे.. हाँ कैलास तूं ठीक कह रहा है। 
      मेरा दिमाग आजकल काम करना बंद दिया है। जानता है जब आज उसने अपने दोनों हाथ मेरे सामने रख कर कहा कि रमलजी सबका हाथ देखते हैं आज मेरे हाथों की लकीरों को देखिये और बताईये कितने दिन और हैं मेरे पास। अभी छोटी बिटिया की शादी भी करनी है।
कुछ साल और मिल जाते बस।
     कैलाश मेरे ज्योतिष गुरूजी ने यह शिक्षा देते समय आगाह किया था कि अपने परिवार प्रियजनों का भविष्य नहीं देखना कभी। अत्याधिक गंभीर समय ना हो तब तक ।मेंने जब आज उसका हाथ देखा सुन्न हो गया मै उसकी आयु रेखा समाप्त हो रही है। शायद बस आज की रात हैं उसके पास। मुझसे नहीं रहा गया उसका अंत इस तरह मैं नहीं देख सकता तभी आ गया हाॅस्पिटल से वापस घर।
      कल भाभी आई थी गाँव से वो और  छोटी बेटी है अभी उसके पास।
      तुम ठीक कहते हो कैलास ..मैं आज रात अपनी पूरी शक्ति और भक्ति लगा दूँगा। मैं उसके बिना नहीं जी पाऊंगा। 
      अपनी उम्र के कुछ साल... हाँ..अब मुझे समझ आ गया मुझे क्या करना है। कैलास हैरान था रायसाहब यह क्या कह रहे हैं आप। ये आपके मन में क्या चल रहा है। कैलास तेरा बहुत एहसानमंद रहूँगा मैं आज तूने मुझे सही रास्ता दिखाया।
      कैलाश समझ रहा था कि रायसाहब आज अपनी आध्यात्मिक और ज्योतिष दोनों विद्या से  कुछ बड़ा करने  वाले हैं।
     रमलजी बिस्तर से उठते हैं और नहाने चले जाते हैं। कैलास थोड़ी देर वहीं बैठा रहता है फिर रमलजी के मंदिर में हाथ जोड़ कर वहाँ से चला जाता है
   रमलजी नहा कर आते हैं और पूजा का आसन बिछा बैठ जाते हैं अपने छोटे से पूजा घर में अपनी और अपनी पत्नी की एक फोटो वहीं रख देते हैं।
     बेटा जब खाना लेकर आता है तो उसे मना कर देते हैं कि भूख नहीं है और किसी को इस कमरे में नहीं आने देना देखना कोई डिस्टर्ब ना करे मुझे। हाँ तुम खाना खा लेना।
   पूरी रात वो महामृत्युंजय जाप करते रहे अपनी पत्नी के लिए और अपनी ज्योतिष विद्या की शक्ति से अपनी आयु रेखा को काट अपनी पत्नी की आयु रेखा में मिला दिये। उनका यह प्रयोग सफल रहा। लगातार चौबीस घंटे करते रहे वो पूजा पाठ।
      यह उनकी पत्नी के प्रति उनका प्रेम ही तो था। भगवान ने भी उनकी प्रार्थना स्वीकार कर ली। जब पूजा से उठे पत्नी के लिए प्रसाद फल और जूस लेकर हाॅस्पिटल पहुँचे।    वहाँ डाॅक्टर स्नेह लता उन्हीं का इंतजार कर रही थी। कमाल हो गया मिस्टर झा आज तक ऐसा नहीं सोचा था आज अपने सीनियरस के साथ जब आपकी मिसिज की रिपोर्ट दिखाई उन्होंने कहा चान्सेज है आॅपरेशन सफल होने के ।
    बस आप इनकी डाइट पर ध्यान रखियेगा जितनी जल्दी सुगर कंट्रोल होगा उतनी जल्दी आॅपरेशन संभव होगा।

       रमल'जी अपनी पत्नी के पास बैठ उन्हें निहार रहे थे कि वो हँस्ते हुऐ बोली पचास साल की इस उम्र में भी एकदम वैसे ही है आप। चलिए उठिए यहाँ से आपकी भाभीजी आती होंगी। आप आऐ तो दोनों चाची भतीजी कैंटीन चली गई है चाय नास्ता लाने। और आपको देखकर लग रहा है कि आप रात भर जाग रहे थे, और कुछ खाए भी नहीं है  ना।
       रमलजी अपनी पत्नी का हाथ देखते हुए कहते है बस हो गया काम हाँ अब तुम थोड़े ही दिनों में ठीक हो जाएगी।
   दो महीने बाद उनकी पत्नी का आॅपरेशन सफल रहा नौ पौण्ड को ट्यूमर बिलकुल नीला फुटबॉल के आकार का निकला। फिर कुछ सप्ताह बाद घर आ गई।और रमलजी के  प्यार उनकी देखरेख में जल्द ही ठीक हो गई।
       चार साल बाद छोटी बेटी की शादी करवा दी। अपनी रिटायार्मेंट भी जल्दी ही  ले ली कि अब जिंदगी का बाकी समय अपनी पत्नी को अधिक से अधिक देंगे। वो जानते थे कि अब उनके पास समय बहुत कम है।
      पत्नी के साथ कभी वैष्णो देवी मंदिर जाते कभी हरिद्वार रिषिकेश।
     लगभग रोज शाम को अपनी कॉलोनी के काली मंदिर में घंटो बिताते दोनों साथ। हमेशा कहते 'नी' सुन तेरे पास तो बहुत काम है नाती पोते मोहल्ले की औरते। तेरा समय तो आराम से  बीत जाऐगा । वो हमेशा टोकती क्यों ऐसे बोलते हो जी। मौत के मुँह से  छीन लाया है आपका प्यार मुझे फिर आप इस तरह की बातें मत किया करो मेरे साथ। पर होनी को कौन टाल सकता था।
       दस साल बाद रमलजी एक दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गए करीब तीन साल उनका इलाज चला।पत्नी और बच्चों ने  जमकर सेवा की। इलाज में कोई कमी नहीं छोड़ी। पर उनकी पूजा वो हाथ की लकीरों की हेराफेरी सफल जो हो गई थी। और तीन साल जिंदगी की लड़ाई हाॅस्पिटल के चक्कर... अंत में वो अपनी पत्नी को हमेशा के लिए छोड़ कर चले गये।
       असली प्यार में वाकई बहुत शक्ति होती है। उनकी पत्नी अपनी हाथ की लकीरों को देख अकसर करती है उनसे बातें क्यों दे गए अपनी उम्र मुझे क्या यही था तुम्हारा प्यार जो छोड़ गए मुझे अकेला। और उनकी फोटो का वो मुस्कुराता चेहरा और खिल जाता है... तेरे समझ में ना आने वाला मेरा प्यार... तभी उनकी परनाती को लिए पोती आती है दादी ये आपके लिए रो रही है और बच्ची गोदी में आते ही चुप हो जाती है। तब शायद रमलजी समझ गए थे कि उनकी पत्नी की बच्चों को ज्यादा जरूरत है। तभी की थी वो हाथों की लकीरों की हेराफेरी।

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KAVITA JHA 'KAVYA KAVI'

#LEKHNI प्रतियोगिता

22.

  


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3 Comments

Arpit Singh

23-Dec-2021 08:48 PM

Kahani intreting h apki

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Shrishti pandey

23-Dec-2021 08:39 AM

Very nice

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Abhinav ji

22-Dec-2021 11:56 PM

Nice

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